Aliya khan

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मौत के सौदागर भाग - 2




हॉस्पिटल पहुँच कर उसने उस लड़की को एस्ट्रचेर पर लिटाया और  आवाज लगते हुए आगे बढ़ने लगा, 

वो डॉ. डॉ.  चिल्ला रहा था उसकी आवाज़ में एकदर्द था और आँखो मे नमी! 
उसकी आवाज सुनकर एक नर्स भागती हुई आई और लड़की को एक नज़र देखा और लड़के को बोली "आप फॉर्म भर दीजिये हम इन्हें ओ.टी. में ले जाते हैं" ! 

वो लड़का रिसेप्शन की ओर बढ़ जाता है वो अपने दोनो हाथों को आपस मे मसलते हुए खुद से कहता है "मैं तो इसके बारे में कुछ नही जानता, क्या बोलूँगा अगर कहीं पुलिस केस बन गया तो मैं तो बेकार में ही फस जाऊँगा !"

फिर कुछ सोच कर वो खुद से ही कहता है "मुझे क्या मैं क्यों इस जंजाल में उलझू, जिस काम के लिए जा रहा था वहीँ निकल जाता हूँ इस को तो हॉस्पिटल पहुँचा ही दिया है ,अब ये लोग देखें मेरा काम खत्म !" 

वो सब की नजरों से बचते हुए हॉस्पिटल से बाहर निकल जाता है !  पर अभी भी उसके दिमाग मे जंग चल थी, कि आखिर वो लोग कौन थे? और इस लड़की को क्यों मरना चाहते थे? फिर उसने अपनी जेब मे से फोन निकाला और एक नंबर मिला दिया दूसरी ओर से आवाज़ आई ! 

"हलो"  उस लड़के ने उसे कुछ बताया और कॉल कट कर दी ! 

हॉस्पिटल में , 

जब उस लड़की को होश आया तो उसने देखा वो हॉस्पिटल में है पास में ही नर्स उसका बी.पी. चैक कर रही थी वो मुस्कुरा कर बोली "कैसी हैं आप? "!  
उसने कहा "ठीक हूँ !"

नर्स बोली "आप का नाम "

 वो बोली "तान्या " 

नर्स ने फिर सवाल किया "जो लड़का आप को यहाँ लेकर आया था वो तो आपको छोड़ कर भाग गया ,कौन था वो !"

वो लड़की कुछ सोचते हुए केहती है "हम नही जानते क्या आप हमें फोन दे सकती हैं? हम अपने घर पर बता दें कि हम कहाँ हैं"

"जी बिल्कुल" अपनी जेब से फोन निकल कर वो उसे दे देती है ! 
फोन लेते हुए तान्या के हाथ कांप रहे थे, मन खुशी और दुःख से भरा हुआ था वो काँपते हुए फोन पर नंबर मिलती है और अपनी घबराती हुई आवाज़ में बोलती है !  

"हलो पापा मैं छवी ( नीक नाम) बोल रही हूँ" 
दूसरी तरफ से घबराई हुई आवाज़ आती है "छवी बेटा कहाँ हो तुम कैसी हो तुम ठीक तो हो न"

वो उस आदमी को समझाते हुए कहती है "पापा में अब ठीक हुँ, जल्द ही घर आ जाऊँगी आप चिंता न करें"
छवी अपने दर्द को छुपाते हुए उनसे बोलती है ! 

पापा! थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहते हैं "तीन दिन से तुम्हारा बारे मे कुछ पता नहीं चल रहा था, मैं बहुत परेशान था पर अब तुमसे बात करके सुकून मिल गया !"

पापा खुद को थोड़ा शांत करते हैं और मुँह बनाते हुए कहते हैं "बेटा ! तू जानती है न तेरे बिना मेरा और कोई नही है ,और एक तू है कि तुझे मेरी कोई परवाह ही नही है ! अपनी मनमानी ही करती रहती है कब से बोल रहा हूँ इतनी खतरनाक जॉब को  छोड़  दे पर तु है कि सुनती ही नहीं है"


छवी थोड़ा उठने की कोशिश करते हुए केहती है "पापा आप भी न आप जानते हैं न फिर भी ऐसी बातें कर रहे हैं"


पापा थोड़ा गुस्सा होते हुए कहते हैं " ठीक है,ठीक है  तुझसे तो कुछ बोलना ही बेकार है" इतना कहकर वो फोन कट कर देते हैं ! 


फिर कुर्सी पर बैठते हुए अपने पास ही खड़े एक नोजवान लड़के से बोलते हैं "छवि को कुछ दिनों के लिए इस दुनिया से गायब कर दो! जब तक वो ठीक नही हो जाती किसी को भी उसकी कोई खबर नही लगनी चाहिए कि वो कहाँ है ? और न ही उसे, नही तो वो किसी न किसी तरह  वहाँ से भागने की सोचेगी " 


रघुवीर सिंह जी छवी को बहुत प्यार करते थे, वो उसे दर्द में नही देख सकते हैं, वो अपनी बेटी को अच्छे से जानते थे कि वो उन्हें कभी भी अपने दर्द को नही बताएगी वो इतनी हिम्मत वाली थी कि जिंदगी की राहों में कितनी भी परेशानियां आये वो उफ़ तक नहीं करती थी! वो अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर मुश्किलों को पार कर जाती थी! 


रधुवीर जी ने बहुत कोशिश की थी छवी को इन सब से दूर रखे पर कहते हैं ना  नियति के आगे कहाँ किसी की चलती है, जिस छवी को वो आने वाले हर खतरे से बचाना चाहते थे , लेकिन वो तो बचपन से ही ऐसे ऐसे काम कर जाती थी ,जिस कि लोग कल्पना भी नहीं कर सकते थे ,एक दम निडर बेख़ौफ़ होकर सब से लड़ जाती थी !




कौन है ये तान्या रधुवीर जी किस्से दूर भेजना चाहते हैं तान्या को उस लड़के ने किस से बात की थी आखिर कौन सी पहली लेकर आएगा अगला पल सब के लिए जानने के लिए पढे अगला भाग 

आलिया खान 







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5 Comments

shweta soni

24-Mar-2023 09:12 PM

👌👌👌

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🤫

19-Mar-2023 01:33 PM

Bahut khoob,,, nice story,,,

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Varsha_Upadhyay

18-Mar-2023 07:44 PM

बेहतरीन भाग

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